Thar पोस्ट, न्यूज बीकानेर/ राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम के तत्वावधान में वरिष्ठ पत्रकार-साहित्यकार श्री अनिल सक्सेना के संयोजन में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्र में किये जा रहे पत्रकारिता-साहित्यिक कार्यक्रमों की श्रंखला में बीकानेर में शनिवार, 07 अक्टूबर को साहित्यिक परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा ।
राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम के जिला अध्यक्ष डाॅ. नासिर जैदी ने बताया कि वरिष्ठ पत्रकार-साहित्यकार श्री अनिल सक्सेना के संयोजन में राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे पत्रकारिता-साहित्यिक कार्यक्रमों के क्रम में बीकानेर में शनिवार 07 अक्टूबर, को होटल मरूधर पैलस, रानी बाजार में सुबह 10:15 बजे से साहित्यिक परिचर्चा प्रारम्भ होगी। इस परिचर्चा का विषय ‘भारतीय साहित्य, संस्कृति और मीडिया‘ रहेगा। डाॅ. नासिर ने बताया कि इस परिचर्चा में बीकानेर जिले के आमंत्रित चुनिंदा साहित्यकार, पत्रकार, कलाकार और प्रबुद्धजन भाग लेंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के कोषाध्यक्ष कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी होंगे । कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम के संस्थापक वरिष्ठ पत्रकार-साहित्यकार अनिल सक्सेना करेंगे तथा सानिध्य व्यंगकार-सम्पादक डाॅ.अजय जोशी का होगा एवं विशिष्ट अतिथि साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार होंगे।
लक्ष्मीनारायण रंगा की स्मृति में बाल साहित्य बालको को अर्पित होगा
Thar पोस्ट। हिन्दी राजस्थानी के ख्यातनाम साहित्यकार लक्ष्मीनारायण रंगा की स्मृति में प्रति माह 9 तारीख को होने वाले मासिक साहित्यिक-सृजनात्मक कार्यक्रमों के क्रम में इस माह अक्टूबर में आगामी 9 तारीख वार सोमवार को बालको को निःशुल्क बाल साहित्य कि पुस्तक अर्पित की जाएगी।
संस्थान के युवा शिक्षाविद् राजेश रंगा ने बताया कि यह आयोजन प्रज्ञालय संस्थान एवं श्रीमती कमला देवी-लक्ष्मीनारायण रंगा ट्रस्ट द्वारा पूर्व की भांति आयोजित किया जाएगा। जिसके तहत स्कूलों के छात्र/छात्राओं को लक्ष्मीनारायण रंगा की साहित्यिक विरासत को समर्पित भाव से आगे ले जाने वाले युवा कवि-कथाकार उनके पोते पुनीत कुमार रंगा की चर्चित राजस्थानी बाल नाट्य कृति ‘मुगती‘ एवं उनकी पोती युवा कथाकार डॉ. चारूलता रंगा की कृति ’राजस्थानी बाल कहाणियां’ बालकों को इस कार्यक्रम के तहत अर्पित की जाएगी।
ज्ञात रहे कि लक्ष्मीनारायण रंगा कि लगभग सभी विधाओं में 150 पुस्तकें प्रकाशित है। जिनमें 40 पुस्तकें बाल साहित्य की है। रंगा हमेशा कहा करते थे कि ‘बालक ही भविष्य है‘ उनकी इस पावन भावना को ध्यान में रखकर ही यह कार्यक्रम किया जा रहा है।
संस्थान के युवा शिक्षाविद् राजेश रंगा ने बताया कि लक्ष्मीनारायण रंगा की स्मृति में आयोजित होने वाले मासिक कार्यक्रमों के तहत पूर्व में गौशाला में श्रम दान, पौधा रोपण,
6 युवा प्रतिभाओं का युवा प्रज्ञा-सम्मान अर्पित करना, युवा रचनाकार कि पुस्तक का लोकार्पण आयोजन एवं गत माह बाल काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ था।