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IMG 20201004 005550 10 कोरोना रोगियों के लिए बड़ी खबर। डॉ तनवीर मालावत की वायरल हुई चिठ्ठी Bikaner Local News Portal देश, बीकानेर अपडेट
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Tp न्यूज । यदि आपके घर में भी कोई कोरोना पॉजिटिव है तो इसे पढ़े। बीकानेर के वरिष्ठ सर्जन डॉ. मालावत कोरोना पोजेटिव से हाल ही में नेगेटिव हुए हैं ।
मैं कोरोना नेगेटिव हो गया हूं। हो सकता है यह सूचना मेरे इष्ट मित्रों, शुभचिंतकों तथा मुझसे जुड़े रोगियों को सुखद अनुभूति दे। कोविड-19 के अनुभव ने मेरे लिए बहुत सारी जिम्मेदारियां छोड़ी है। दोस्तों! सबसे अहम् बात यह है कि कोरोना के उपचार को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि :

वायरस का संक्रमण तो अक्सर सहज ही निकल जाता है लेकिन इससे होने वाले कॉम्प्लिकेशंस को बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत होती है।

जटिलताएं कई प्रकार की हैं, जैसे रक्त का थक्का जमना, वायरस के आक्रमण की वजह से अत्यधिक कमजोरी आना, वायरस आक्रमण कर से फेफड़े अपने स्वाभाविक रूप को खो देते हैं, ऐसे में सांस का फूलना आदि व्याधियों का सामना कोरोना संक्रमित रहे व्यक्ति को करना पड़ सकता है।इसलिए कोरोना के उपचार के हर स्टेप को बहुत ही गंभीरता के साथ लेना चाहिए और इसके उपचार को हर स्टेप पर पूरा करना चाहिए। संक्षेप में पुनःकहूं तो वायरस के संक्रमण के लिए आवश्यक दवाइयां लेने के बाद विभिन्न प्रकार के हो सकने वाले कॉम्प्लिकेशन से बचने के लिए भी आवश्यक दवाइयों का उपयोग जरूर करें, कम से कम एक हफ्ते से दो हफ्ते तक।अक्सर हम देखते हैं कि लोग खून जांच के नेगेटिव आते ही उत्साह से भर उठते है। निसंदेह यह एक शुभ संकेत है किंतु अंतिम नहीं। अंतिम शुभ संकेत विभिन्न प्रकार की कॉम्प्लिकेशंस से निकल जाने के बाद ही सामने आता है। देखने को मिल रहा है कि कोरोना की जांच नेगेटिव आ जाने व छुट्टी हो जाने के बाद भी बहुत से लोग मृत्यु को प्राप्त हो रहे हैं। इसका कारण यही है कि नेगेटिव होते ही हम उपचार की प्रक्रिया को बंद कर देने की भूल कर देते हैं जबकि आवश्यक उपचार की जरूरत बनी रहती है। एक चिकित्सक और कोरोना रोगी रहे होने के नाते मैं समझता हूं कि अनुभवों को आमजन से साझा करना चाहिए। ऐसा आपको डराने के लिए नहीं बल्कि इसलिए कि आपकी समझ बढ़े और हम कोरोना को हरा सकें।

चिकित्सा जगत के मेरे साथियों से भी आग्रह है कि वे स्वयं यदि कोरोना से पीड़ित रहे हों तो कोरोना से पीड़ित आमजन की स्थति को अपनी अनुभूतियों से जोड़ कर उपचार करें। ऐसे में निश्चय ही उसका उपचार गुणात्मक रूप से प्रभावी एवं लाभकारी होगा।

मैंने महसूस किया है कि बुखार की स्थिति में बुखार को उतारना सबसे महत्वपूर्ण स्टेप है। फटता सिरदर्द और घबराहट बुखार की स्थिति को बहुत पीड़ादायक बना देते हैं। इसलिए बुखार को उतारना जरूरी है।

एक और बात, कोरोना मुख्यतः फेफड़ों को प्रभावित करता है, ऐसे में छाती के आसपास भारीपन और सिकुड़न सी महसूस होती है, जिसे दूर करने के लिए जहां एंटीबायोटिक की आवश्यकता है वहीं दर्द निवारक दवाई भी देना रोगी को बहुत राहत देता है, यह मेरा निजी अनुभव है।

रोगी को ठीक से नींद आनी चाहिए इसकी व्यवस्था भी चिकित्सकों सोचनी चाहिए। रोगी को भूख लगे इसके लिए उसे विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ देते रहना चाहिए, रोगी की पसंद के खाने के बारे में चिकित्सक को बार-बार पूछना चाहिए और परिजनों को रोगी को उसकी पसंद का खाना देनें की हिदायत चाहिए। रोगी के मुंह का स्वाद बहुत कुछ बदल जाता है, स्वाद पूरी तरह से बिगड़ जाता है। रोगी को कुछ न कुछ खाना आवश्यक ताकत (एनर्जी) के लिए निहायत जरुरी होता है। ऐसे में स्वाद में परिवर्तन के लिए रोगी की स्वयं की इच्छाएं और रिश्तेदारों के सुझाव को प्राथमिकता देनी चाहिए।

व्याधियों से निपटने के लिए यथासंभव ऐसा उपचार देना चाहिए जो आम रोगी के लिए सस्ता हो, सुलभ हो, सहज और पूरी तरह से उपयोगी हो। डॉ. बीके गुप्ता से मैंने इस बारे में काफी विचार विमर्श किया और जो नुस्खा गुप्ताजी ने मुझे दिया वह मैं आपसे भी साझा कर रहा हूं। यह बहुत ही कीमती और लाभदायक (मेरे व्यक्तिगत अनुभव में) है। यद्यपि रोगियों की तात्कालिक स्थतियों को हुए देखते अलग-अलग रोगी पर इसे एक तरीके लागू नहीं कर किया जा सकता, पर मोटे तौर पर सभी सामान्य रोगियों पर इसे लागू करना लाभदायक साबित हुआ है।

1ं. Tab. Nizamide 500mg 1-1
2. Cap doxycycline 1-1
3. Tab vtneurin czs 1od
4. Tab KMLC1000 1od
5. Tab vit D 60k od *3 dose
Treatment of DM,BP if there

Treatment of complication steps
1. Tab Methyl prednisolone 16mg 1od
2. inj. low dose heparin initially later oral anticoagulants
3. Good diet and nutritional support

मेरा ध्येय आपको किसी उपचार विशेष से बांधना नहीं है, एक सुलभ व सस्ते उपचार की दिशा मात्र देना है। कॉरोना रोगी अपने चिकित्सक की राय से अपना उपचार करवाने को स्वतंत्र है।

दोस्तों! कोरोना के इस भयग्रस्त समय में निश्चित रूप से अपने लोगों का संबल और सहयोग बहुत महत्वपूर्ण होता है। मैं समाज से अपील करूंगा कि वह ऐसे संकट के समय में अपनी संवेदनाओं को अपने स्नेही-प्रियजन पर पूर्णतया न्योछावर करें ताकि कोरोना पीड़ित अपने को अकेला महसूस न करे बल्कि इस जंग में अपने साथ पूरे समाज को साथ पाऐ।

मैं आभारी हूं अपने सभी साथियों, मित्रों, सहयोगियों और दिशा-निर्देश देने वाले चिकित्सकों का जिन्होंने देर रात भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मेरा मनोबल बढ़ाया। मैं आभारी हूं, मुझसे जुडे़ उन रोगियों का जो अपने उपचार के लिए पूरी तरह मुझ पर निर्भर थे और जिन्होंने मेरी अनुपस्थिति कष्ट सहा।

सुबह की पहली किरण के साथ समाज की हर संभव सेवा के लिऐ तत्पर हूँ , आपका कर्ज उतारने के लिए।
डॉ_तनवीर_मालावत


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