Thar पोस्ट, न्यूज। वर्ष 2035 के बाद यूरोपीय संघ में कंबस्चन इंजन से चलने वाली कोई नई कार नहीं बेची जाएगी। यूरोपीय संघ के मौजूदा अध्यक्ष चेक गणराज्य ने बताया है कि सदस्य देशों, यूरोपीय संसद और यूरोपीय आयोग के वार्ताकार इस समझौते पर पहुंच गए हैं कि 2035 तक कार निर्माता कंपनियों को कार्बन उत्सर्जन में सौ फीसदी कटौती का लक्ष्य हासिल करना होगा.इस समझौते का अर्थ यह है कि यूरोपीय संघ के 27 देशों में 2035 के बाद ऐसी कोई कार नहीं बिकेगी जो पेट्रोल या डीजल से चलती हो. यह फैसला यूरोपीय संघ के उस जलवायु परिवर्तन पैकेज का हिस्सा है जिसे ‘फिट फॉर 55′ के नाम से जाना जाता है. इस पैकेज का मकसद 2050 तक कार्बन न्यूट्रैलिटी हासिल कर लेना है. यानी इंसानी गतिविधियों से उतना ही कार्बन उत्सर्जन हो, जितना सोखा जा सकता है.2050 तक कार्बन न्यूट्रैलिटी हासिल करने के लिए यूरोपीय देश 2030 तक 1990 के कार्बन उत्सर्जन के स्तर में 55 प्रतिशत तक की कमी का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।