Thar पोस्ट, न्यूज। यूरोप के विकसित देश जर्मनी में 11 लाख लोगों की जिंदगी तेज़ सर्दी से संघर्ष करेगी। जर्मन सरकार ने शहरों और कस्बों को शरणार्थियों के लिए घर का इंतजाम करने में ज्यादा मदद देने का भरोसा दिया है. राज्य और शहरों के अधिकारियों से मुलाकात के बाद गृह मंत्री नैंसी फेजर ने कहा कि सरकार तुरंत 4,000 और संपत्तियां मुहैया करायेगी ताकि मौजूदा दबाव को कुछ हल्का किया जा सके. इसके पहले 10 हजार से ज्यादा लोगों के लिए संघीय इमारतों को खोला गया था. गृहमंत्री ने आर्थिक मदद देने की भी बात कही है लेकिन यह कितनी होगी इसका ब्यौरा नहीं दिया।
कई शहरों में टेंट लगाने और कन्वेंशन सेंटरों को अस्थायी आवास में बदलने की नौबत आ गई है. शरणार्थियों के लिए पहले से मौजूद जगहें भर चुकी हैं और वहां उनकी क्षमता से ज्यादा लोग पहुंच चुके हैं. फेजर ने पत्रकारों से कहा, “मैं इसे कम करके नहीं बताना चाहती, हमारे सामने एक तनावपूर्ण स्थिति है इसलिए हमने इस पर चर्चा की है कि शरणार्थियों को मदद के लिए कैसे बेहतर सहयोग मिले।
यह एक बड़ी मानवीय कोशिश है कि यूक्रेन से आये शरणार्थियों का अच्छे से ख्याल रखा जाये, उन्हें घर मिले, बच्चों को डे-केयर सेंटर और स्कूल मिले साथ ही उन्हें सामाजिक सहयोग भी दिया जाये। जर्मनी और ज्यादा शरणार्थियों के आने की उम्मीद कर रहा है क्योंकि रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज कर दिये हैं और वहां लोगों को ठंड के मौसम में अपनी जान बचाने के लिए ज्यादा संघर्ष करना पड़ रहा है।
सितंबर के आखिर तक कुल 134,908 लोगों ने जर्मनी में शरण के लिए आवेदन किया है. यह पिछले साल इसी अवधि की तुलना में करीब एक तिहाई ज्यादा है. हालांकि 2015-16 की तुलना में अब भी कम है जब सीरिया, इराक और अफगानिस्तान के 10 लाख से ज्यादा लोगों ने जर्मनी से शरण मांगा था. 2022 में शरण मांगने वालों की संख्या इसलिए कम है क्योंकि यूक्रेन से बिना वीजा के यहां आ सकते हैं और उन्हें शरण के लिए आवेदन नहीं करना है। रूस व यूक्रेन युद्ध के बाद से ही जर्मनी व अन्य देशों पर दबाव बढ़ रहा है। इससे इन देशों की आर्थिक, सामाजिक स्थिति पर असर हुआ है।