ताजा खबरे
IMG 20221006 100132 रूस के हो जाएंगे टुकड़े, विशेषज्ञों का दावा! ये है खास वजह Bikaner Local News Portal अंतरराष्ट्रीय
Share This News

Thar पोस्ट, न्यूज नई दिल्ली। विश्व मे चल रहे युद्ध में पास पलटेगा। युद्ध विशेषज्ञों ने ऐसा दावा किया है। बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग अब 240 दिनों का आंकड़ा पूरा करने वाली है।

फरवरी में शुरू इस जंग को अब आठ महीने होने वाले हैं। जहां चार यूक्रेन क्षेत्रों को रूस ने अपनी सीमा में मिलाने का ऐलान कर दिया था तो वहीं अग्रिम मोर्चे पर उसे हार का मुंह देखना पड़ा है। रूस के राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन भी अब काफी खामोश से नजर आने लगे हैं। उनके रवैये को देखकर लोग अंदाजा लगा रहे हैं कि आगे क्‍या होगा। मगर कहीं न कहीं उन्‍हें भी इस बात का आभास हो चुका है कि रूस अब इस जंग में शिकस्‍त की तरफ बढ़ रहा है।

अंदरूनी खबर यह कि रूस के हथियार कम होते जा रहे हैं, सेना में फूट पड़ चुकी है, फाइटर जेट्स क्रैश हो रहे हैं और रूस का विदेशी मुद्रा भंडार भी अनिश्चितता की तरफ बढ़ रहा है। अब सर्दियों का आगाज होने वाला है और अब स्थितियां और मुश्किल हो सकती हैं। इसके बीच ही यूक्रेन की सेना ने देश के कई हिस्‍सों पर अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी है। इसके बाद कई विशेषज्ञ यूक्रेन को जीत का दावेदार बताने लगे हैं।

क्‍याब सवाल उठने लगा है कि अगर रूस जंग हार गया तो क्‍या होगा? अटलांटिक काउंसिल थिंक टैंक से जुड़े एल्‍प सेविमिलीसॉय ने डेली मेल को बताया है कि अगर रूस यह जंग हारता है तो फिर पुतिन की सत्‍ता का भी अंत हो जाएगा। उन्‍हें उनके पद से हटा दिया जाएगा। रूस खुद भी बंट जाएगा और लूट मच जाएगी। इस वजह से नाटो और चीन का टकराव शुरू हो जाएगा।

इन हालातों के चलते पश्चिमी देशों को भी उस स्थिति के लिए खुद को तैयार करना शुरू कर देना चाहिए। अगर वो आज से रूस की हार के बाद की स्थितियों के लिए तैयार नहीं होंगे तो फिर चीन इसका फायदा उठाने से पीछे नहीं हटेगा। वह सर्बिया, मध्‍य एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में अपनी ताकत बढ़ाना शुरू कर देगा। ये वो हिस्‍से हैं जहां पर चीन के कदम पड़ चुके हैं लेकिन रूस के के जाने के बाद वह नए मौकों को तलाश करना शुरू कर देगा।

उन्‍होंने कहा कि पश्चिमी देशों को जीरो की तरफ से बढ़ाना होगा ताकि वह इसके प्रभाव का अंदाजा लगा सके और तभी चीन का सामना किया जा सकेगा। चीन इस समय वह देश है जो हर देश से जुड़ा हुआ है और ऐसे में उसे प्रभावी तरीके से जवाब देना होगा। कजाखस्‍तान से लेकर अर्मेनिया और अजरबैजान तक चीन अपने प्रभाव का फायदा उठाने में लग जाएगा।


Share This News