Thar पोस्ट, न्यूज। अलबेली परम्पराओं को समेटे राजस्थान का विश्व पर्यटन मानचित्र पर विशेष स्थान है। हज़ारों किमी का फ़ासला तय कर यहां सैलानी खिंचे चले आते है और साक्षात करते है यहाँ की संस्कृति व परम्पराओं का व अनूठी जीवन शैली का। राजस्थान की एक जनजाति ऐसी भी है जिसमें यह परंपरा हजार साल से भी पहले की है. मूलतः राजस्थान के दक्षिणी इलाके में रहने वाली ‘गरासिया’ जनजाति में लिव-इन रिलेशनशिप की परंपरा सालों से चली आ रही है. लिहाजा यह कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि यह जनजाति जमाने से आगे चल रही है. इससे भी खास बात यह है कि यहां लड़कियां खुद अपना पार्टनर चुनती है और उसी के साथ ही लिव-इन रिलेशनशिप रखती है. आलम यह है कि इस जनजाति में बिना शादी के ही बच्चे भी पैदा कर लिए जाते हैं और कई बार तो सालों-साल के बाद शादी होती है.
यूं चुनते हैं अपना लिव-इन पार्टनर
राजस्थान में गरासिया जनजाति का हर साल ”गौर मेला” लगता है. यह एक बेहद ही महत्वपूर्ण त्योहार है. जहां इस जनजाति की लड़कियां अपने पार्टनर को चुनती है. जिसके बाद लड़के के परिवार को लड़की के परिवार को एक राशि का भुगतान करना होता है. गरासिया समुदाय में महिलाएं का स्थान पुरुषों के मुकाबले ज्यादा ऊंचा माना जाता हैं.
परंपरा के पीछे है ये है कहानी
एक प्रचलित कहानी है कि कई शतकों पहले गरासिया समाज के चार भाई दूसरी जगह जाकर बस गए थे. जिसमें से चार में से तीन भाइयों ने शादी कर ली. जबकि एक भाई बिना शादी के ही लिव इन में रहने लगा. लेकिन शादी के बाद तीन भाइयों की कोई संतान नहीं हुई. जबकि चौथे भाई की संतान ने ही वंश आगे बढ़ाया जिसके बाद गरासिया समाज ने बिना शादी यानि लिव-इन रिलेशनशिप में रहने की परंपरा चल पड़ी।