ताजा खबरे
IMG 20220905 195619 बीकानेर की शिक्षिका ने रचे नए आयाम Bikaner Local News Portal बीकानेर अपडेट
Share This News

Thar पोस्ट, न्यूज बीकानेर। कहते है कुछ कर गुजरने का जज्बा होता है तो पहाड़ों से भी पानी निकाला जा सकता है। मुश्किलें कितनी भी राहों के कांटे भी फूल बन जाते है। कुछ ऐसे ही हौसलों के साथ विशेषजन बच्चों का पढ़ाई में आत्मनिर्भर किया। बीकानेर की शिक्षिका ने कोरोना काल में मूक बघिर बच्चों की ठप्प हुई पढ़ाई को नई राह दिखाई। राजकीय माध्यमिक मूक बघिर विधालय की सुनीता गुलाटी ने अपने कार्यकुशलता से शिक्षक वर्ग के अनुकरणीय मिसाल पेश की। जब कोरोना काल में मूक बधिर बच्चों की पढ़ाई ठप हो गई। ऑनलाइन शिक्षण के लिए विशेष बच्चों के लिए कोई रास्ता नहीं दिख रहा था। तब सुनीता ने मूक बधिर बच्चों को पढ़ाने के ऑनलाइन विशेष वीडियो तैयार किए। शिक्षण मोड्यूल्स और ऑडियो बुक निर्माण का कार्य किया। उन्होंने मूक बधिर बच्चों के साथ विज्ञान शिक्षण के नवाचार कर 2017 से लगातार राज्य स्तरीय विज्ञान प्रतियोगिता एवं राष्ट्रीय स्तरीय इंस्पायर अवार्ड में दिलाए। स्कूल में विज्ञान लैब को विकसित कराया। एक छात्रा ने ओलंपियाड में रजत पदक जीता। शिक्षिका सुनीता गुलाटी ने बताया की जब वह इस स्कूल में आई तो उनके सामने इन बच्चो से संवाद करना भी मुश्किल था लेकिन बच्चो के लगाव के चलते आज ये सब कर पाना सम्भव हुआ। उन्होंने कहा की पुरस्कार में मिलने वाली राशि भी वो इन बच्चो के लिए स्मार्ट क्लास बनाने के खर्च करेगी ताकि ये बच्चे भी अन्य बच्चो की तरह समाज में अपना अलग मुकाम बना सके। सुनीता की इसी कार्यकुशलता के चलते शिक्षक दिवस पर उन्हें राष्ट्रपति अवार्ड से नवाजा गया।
क्या कहते है सुनीता के परिजन
देश का गर्व बनी सुनीता गुलाटी
गरुड़ा जिम एवं सम्पूर्ण परिवार की तरफ़ से सुनीता गुलाटी को बधाई दी गयी बातचीत में जिम के संचालक पीयूष सोढ़ी ने बताया मेरे पास शब्द नहीं मेरी मासी माँ के लिए अपनी मेहनत से अपने कार्य क्षेत्र ही नही सबके सामने साबित कर दिखाया है कि किसी दिल से मेहनत कर रहे व्यक्ति का काम चाहे समाज परिवार या कार्यकताओं को समझ आए या ना आए। परन्तु जब उस व्यक्ति की सफलता शोर मचाती है तो वो प्रकाश और वो आवाज़ एक नेत्रहीन और श्रवण शक्ति विहीन इंसान की अंतरात्मा तक भी प्रभु पहुँचा देते है । मुझे आप पर हमेशा गर्व था वो बात अलग है आज आप पूरे भारत का गर्व है । एक मध्यम परिवार से उठकर राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित होना। प्रधानमंत्री के निजनिवास पर चाय के लिए उनसे बातचीत के लिए आमंत्रण प्राप्त करना ज् शिक्षा मंत्री द्वारा सम्मान पूरे देश की हर न्यूज़ पर आना ये केवल मेहनत नहीं माँ ..ये उन न बोलने व सुनने बच्चों की दुआ थी जो बिना किसी भामाशाह के आप उन बच्चों के लिए एक ना मिट सकने वाले आवाज़ बन गये। इस 1द्बस्रद्गश में मानो आपके साथ नाना आपका हाथ पकड़ के गर्व से चल रहे थे और उनका मुस्कुराता चहरा में कल्पना कर पा रहा था ।


Share This News