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IMG 20220904 WA0178 ऐतिहासिक धरोहर में झलका हाथ का हुनर, आखिर कहां गए वो लोग ? Bikaner Local News Portal पर्यटन
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Thar पोस्ट, न्यूज। पश्चिमी राजस्थान में करीब 18 रेत के सुनहरे धोरों से घिरा बीकानेर अपनी स्थापत्य कला, संस्कृति व परंपरा के लिहाज से धनी है। जूनागढ़, लालगढ़, लक्ष्मी निवास, गजनेर, कलेक्टर कार्यालय, पब्लिक पार्क सहित अन्य ऐतिहासिक स्थलों में स्थापत्य झलकता है और जब इस पर रोशनी की जाए तो देखने वाले बस देखते चले जाते है। सवाल यह है कि आखिर इन्हें बनाने वाले लोग कहां चले गए? बीकानेर में 5 सितंबर तक तीन दिन इन ऐतिहासिक धरोहर के नाम दिए गए है। संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन की पहल पर ऐतिहासिक स्मारकों, सर्कल्स, मूर्तियों और टैंक्स की विशेष साज सज्जा का तीन दिवसीय विशेष अभियान रविवार को भी जारी रहा। छुट्टी होने के कारण बड़ी संख्या में लोगों ने इन स्थानों का अवलोकन किया और महापुरुषों के व्यक्तित्व-कृतित्व की जानकारी एक-दूसरे से साझा की। शाम के समय सबसे अधिक लोगों की आवाजाही रही। महिलाओं और बच्चों ने जमकर सेल्फी का आनंद लिया। सर्कल्स पर सजी रंगोलियां, रंग-बिरंगी लाइटिंग, साफ-सफाई आमजन की उत्सुकता का केंद्र बनी रही। जिला प्रशासन की इस पहल का सभी ने स्वागत किया और इसे शहर की विरासत से आमजन के भावनात्मक जुड़ाव का माध्यम बताया।

नरे सौ पेंतालवे, सुद बैसाख सुमेर…
इस दौरान आमजन द्वारा बीकानेर नगर की स्थापना करने वाले राव बीका, जूनागढ किले में सुनहरी बुर्ज, गणपति निवास, लाल निवास और गंगानिवास महल बनाने वाले महाराजा डूंगरसिंह, संवत 1956 के छ्पनिया अकाल के दौरान ऐतिहासिक प्रबंधन करने वाले महाराजा गंगा सिंह को याद किया गया। वहीं देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले मेजर पूर्ण सिंह, कैप्टन चंद्र चौधरी की शहादत को नमन करते दिखे।
शाम होते-होते शहीद स्मारक और वार मेमोरियल, सेल्फी प्वाइंट, शहीद हेमू कालाणी सर्किल, रोटरी सर्किल, जयनारायण व्यास सर्किल, महर्षि गौतम सर्किल, अंबेडकर सर्किल, महाराजा गंगा सिंह सर्किल, इंदिरा फाउंटेन, राव बीकाजी सर्किल चहल पहल नजर आई। आमजन ने यहां जमकर फोटोग्राफी का लुत्फ उठाया।
सोमवार को शिक्षक करेंगे अवलोकन
सोमवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों को इन स्मारकों का अवलोकन करवाया जाएगा। इसके लिए जैन कॉलेज तथा गोकुल सर्किल से प्रातः 10 बजे बसें रवाना होंगी।
संभागीय आयुक्त ने कहा कि युवा पीढ़ी और शहरवासी हमारी ऐतिहासिक विरासत को समझें और जानें, इस उद्देश्य से यह पहल की गई है। अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (माशि) सुनील बोड़ा इसके समन्वयक होंगे।
उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन द्वारा आमजन को ऐतिहासिक धरोहरों से रूबरू करवाने के लिए तीन दिवसीय विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके पहले दिन शनिवार को संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर सहित विभिन्न अधिकारियों ने बस में बैठकर इन स्थानों का भ्रमण किया था।

IMG 20220904 WA0172 ऐतिहासिक धरोहर में झलका हाथ का हुनर, आखिर कहां गए वो लोग ? Bikaner Local News Portal पर्यटन

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