Thar पोस्ट, न्यूज। कोरोना के चलते पहले यूरोप के विभिन्न देशों के हवाई अड्डों पर सन्नाटा पसरा था। लेकिन इन दिनों हालात विपरीत हैं। वहां अनेक देशों में छुट्टियों के चलते यात्रियों की भीड़ हवाई अड्डों पर इन दिनों देखी जा रही है। पहले यहाँ कोरोना के कारण उड़ानें रद्द हुईं और अब यात्रियों की भीड़ उमड़ रही है । कर्मचारी भी मौका देखकर अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। यूरोप के हवाई अड्डों पर तो ऐसी अफरातफरी है कि लोग अपनी यात्रा को लेकर डरने लगे हैं. यूरोप के प्रमुख हवाई अड्डों पर लोगों को कभी सामान तो कभी चेक-इन या फिर सुरक्षा जांच के लिए घंटों इंतजार में बिताना पड़ रहा है. आखिर इतनी समस्या क्यों हो रही है.
यह है प्रमुख कारण
कोरोना के दौर में जब हवाई यात्रा लगभग ठप्प हो गई थी तब नुकसान से बचने के लिए बड़ी संख्या में पायलटों और एयरपोर्ट स्टाफ की छुट्टी कर दी गई. जो लोग बचे उनमें से भी बहुतों की या तो तनख्वाह कम कर दी गई या फिर कोई वेतन बढ़ोत्तरी नहीं हुई. अब भीड़ बढ़ने के बाद ये लोग काम की बेहतर परिस्थितियों और तनख्वाह बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.नॉर्वेजियन एयर ने जून में पायलटों को दूसरी सुविधा देने के साथ ही वेतन में 3.7 फीसदी के इजाफे की घोषणा की. इसी तरह फ्रांस की राजधानी पेरिस के एयरपोर्ट स्टाफ ने 8-10 जुलाई तक वाकआउट करने की बात कही है ताकि अपनी मांगों के लिए दबाव बना सकें. यहां के कर्मचारी वेतन में प्रति महीने 300 यूरो बढ़ाने की मांग पर अड़े हैं. एयरपोर्ट ऑपरेटर एडीपी ने वेतन में 4 फीसदी बढ़ोत्तरी की बात कही है बशर्ते कि कर्मचारी अपनी हड़ताल टाल दें लेकिन कर्मचारियों ने उनका ऑफर ठुकरा दिया है। इन हालातों के चलते मुसाफिर परेशान है।