Thar पोस्ट, न्यूज। जानवरों के दूध से तैयार साबुन बनाकर भारत मे एक महिला खूब सुर्खियां बटोर रही है। यह महिला दूध से तैयार साबुन और सौंदर्य उत्पाद तैयार कर तारीफें और पुरस्कार बटोर रही है। यह है केरल के त्रिशूर की रहने वाली सारी चनगरमकुमारथ की ।
खादी को सप्लाई करती हैं साबुन
इस बारे में केरल की सारी बताती हैं कि घर में जब कभी नया साबुन आता तो उनकी बड़ी बेटी कनिष्का उससे नहाने की जिद करती। नहाने के बाद साबुन के शेप और उसकी खुशबू पर ढेरों बातें करती। एक दिन कनिष्का ने मां से कहा, “आप भी मेरे लिए ऐसे ही सुंदर-सुंदर सोप बनाओ। वह अक्सर यह जिद करती कि मां आप भी कार्टून कैरेक्टर जैसे शेप्स के सोप बनाओ।”कनिष्का की इच्छा थी कि उसकी अम्मा मिकी माउस और मिनी माउस जैसे सोप तैयार करें। बेटी की जिद पर सारी ने कॉस्मेटिक साइंस पढ़ना शुरू किया। इसके बाद वे अपनी बेटी के लिए उसकी पसंद का साबुन तैयार करने लगी। बेटी के लिए तैयार हैंडमेड सोप्स को जो भी देखता, उसकी तारीफ किए बिना नहीं रहता। बिटिया को भी मां का यह काम इतना पसंद आया कि उसने भी इस काम में मां का हाथ बटाना शुरू कर दिया। इतिहास के अनुसार महारानी क्लियोपैट्रा गधी के दूध से स्नान किया करती थी। उसके महल में 600 से अधिक गधियां थी। वह अपनी सुंदरता के लिए विख्यात थी। इतिहास में महारानी का नाम दर्ज है।
सारी करीब 134 किस्म के साबुन बना रही हैं। बेबी फीडिंग बॉटल, गुलाब, तरह-तरह के फूल, केक, पेस्ट्री जैसे शेप के सोप बनाने में सारी एक्सपर्ट हो गई हैं। उनके बनाए गए साबुन में बेबी सोप की सबसे अधिक मांग है। इसके अलावा ब्राइडल कलेक्शन भी खूब पसंद की जा रही है।
सारी ने लोगों को गधी के दूध में स्किन के लिए मौजूद जरूरी पोषक तत्वों की जानकारी दी। करीब 6–7 गधी से एक लीटर दूध मिल पाता है। इस एक लीटर दूध की कीमत 2 हजार से लेकर 7 हजार रुपए तक होती है।शुरुआत में दूध इकट्ठा करना एक कठिन काम था। कई बार इसकी तलाश में भटकना पड़ता और यह चिंता सताती की घर लौटने में देर हो जाएगी। ऊंटनी का दूध गुजरात और राजस्थान से मंगाना पड़ता है। हालांकि अब यह तामिलनाडु में भी उपलब्ध हो जाता है। सारी समाजसेवा के काम से भी जुड़ी रही हैं। वह मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को पेंटिंग क्लासेज देती हैं। इसके सााथ ही वे स्टोरी टेलिंग भी करती हैं। वे करीब 19 पेंटिंग प्रदर्शनियां लगा चुकी हैं।सोप बनाने में एक्सपर्ट हो चुकी सारी बताती हैं कि गधी के दूध से तैयार 20 ग्राम के साबुन की कीमत 100 रुपए और 100 ग्राम का साबुन 500 रुपए में मिलता है। सारी के सोप और दूसरे प्रोडक्ट के ब्रांड का नाम baymos bay है।
नहीं मिलाती किसी तरह की खुशबू
सारी के सोप्स की खासियत यह भी है कि इसमें किसी तरह की खुशबू नहीं होती है। वे बताती हैं कि गधी के दूध की खुशबू बच्चों की खुशबू की तरह होती है। इससे तैयार सोप्स में वे इसलिए भी एसेंशियल ऑयल नहीं मिलाती हैं कि यह छोटे बच्चों के लिए तैयार की जाती हैं। कई बार वे कस्टमर की पसंद के हिसाब से भी साबुन बनाती हैं। सारी ने कनिष्का के लिए सबसे पहला सोप बनाया वह व्हेल मछली के शेप में था।