Thar पोस्ट (जितेंद्र व्यास) विश्व का अजूबा और मोहब्बत की अनूठी मिसाल ताजमहल के सारे राज कैद है बीकानेर में ? आश्चर्य भी होता है लेकिन यह एक सच्चाई भी है। ताजमहल के साथ अनेक रोचक बातें जुड़ी है। ताजमहल के लिए आखिर क्या-क्या समझौते हुए ? उस दौरान दो शासकों में आखिर वो क्या-क्या संधियां हुई और परिस्थितियां बनी, जिसके बाद दुनिया का अजूबा अस्तित्व में आ गया, इसके राज बीकानेर में पड़े है। दरअसल मुगल शासक शाहजहां ताजमहल के निर्माण के लिए संगमरमर कभी नहीं मांगा था, तो फिर क्या हुआ था तब ? शाहजहां की ओर से मिर्जा राजा जयसिंह के नाम भेजे गए फरमान में यह कहा गया था कि राजधानी आगरा (तत्कालीन) के भवनों के निर्माण के लिए संगमरमर चाहिए, ना कि ताजमहल के लिए। बीकानेर स्थित राजस्थान राज्य अभिलेखागार में मौजूद फरमानों में-मुहर व तुगरा फरमान संख्या-14 के अनुसार ‘आगरा के भवनों के वास्ते संगमरमर लाने के लिए बहुत से छकड़ों व गाडिय़ों की आवश्यकता है इसके लिए हमने सैय्यद इलाहदाद को नियुक्त किया है उन्हें किराए पर गाडिय़ां उपलब्ध करवाएं। जितनी गाडिय़ां मकराने की खान से संगमरमर लाने के लिए दी गई हो उन सभी का हिसाब करके, पूर्व के हिसाब को हाल के हिसाब में सम्मिलित कर सैय्यद इलाहदाद को सौंप दे। इसे वह ले जाकर मकराना की खान तक पहुंचा दें। इलाददाद को जितनी सहायता चाहिए वह उपलब्ध करवाएं। यह फरमान मुगल बादशाह शाहजहां ने 21 जनवरी 1632 ई. को भेजा था। जो बीकानेर में अभिलेखागार में पढ़ा जा सकता है।
मुगल बादशाह शाहजहां ने एक ओर फरमान मिर्जा राजा जयसिंह को भेजा था। इसमें कहा गया-मुलूक शाह को अम्बेर (आमेर) में नई खान से संगमरमर निकाल लाने के लिए भेजा है। (www.tourisminrajasthan.com) इस फरमान में कहा गया कि आदेश दिया जाता है कि जितनी संख्या में पत्थर काटने वाले व किराए की गाडिय़ां मुलूकशाह मांगे, उसे उपलब्ध करवा दो। वह पत्थर काटने वालों की मजदूरी व गाडिय़ों के किराए की रकम बादशाह व गाडिय़ों के किराए की बादशाह के कोषाधिकारी के कोष पहुंचा देगा। प्रत्येक तरह की सहायता मुलूकशाह को दी जाए। मुहर व तुगरा फरमान संख्या 14 को 9 सितम्बर 1632 में जारी किया गया था।
ताज के सभी फरमान उपलब्ध
मिर्जा राजा जयसिंह को मुगल बादशाह शाहजहां की ओर से भेजे गए सभी फरमान राजस्थान राज्य अभिलेखागार में मौजूद है। मुगलकालीन भारत के सभी फरमानों में ताजमहल से जुड़े फरमान बीकानेर पहुंचने वाले शोधार्थियों व विद्यार्थियों के लिए जिज्ञासा का विषय बने हुए हैं। राज्य अभिलेखागार प्रशासन ने भी इन सभी फरमानों को ऑन लाइन करते हुए उपलब्ध करवाया है। ताजमहल के फरमानों को भी अब कम्प्यूटर स्क्रीन पर देखा व पढ़ा जा सकता है।
डॉ.महेन्द्र खडग़ावत, निदेशक, राजस्थान राज्य अभिलेखागार के अनुसार ताजमहल के निर्माण से जुड़े फरमान राजस्थान राज्य अभिलेखागार में शोधार्थियों व विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध है। मुगल बादशाह शाहजहां के अलावा औरंगजेब, मिर्जा राजा जय सिंह के अलावा मुगलकाल से जुड़े अनेक फरमान उपलब्ध हैं।
यह सपना पूरा नहीं हो सका
मुगल बादशाह शाहंजहां एक और ताजमहल बनवाना चाहता था, यह ताजमहल काले रंग था, ताकि लोग असली ताजमहल की खूबसूरती को ही निहारे और काले ताजमहल उसके सामने फीका लगे। लेकिन बादशाह शाहंजहां का यह सपना इसलिए पूरा नहीं हो सका था क्योंकि शाहंजहां के पुत्र औरंगजेब ने अपने पिता को कैद में डाल दिया था।