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Screen Shot 2020 08 19 at 5.45.42 PM 187 दो ऑक्सीजन गैस आईपी इकाइयों को किया अधिग्रहित Bikaner Local News Portal बीकानेर अपडेट
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Tp news। जिला कलेक्टर नमित मेहता ने एक आदेश जारी कर दो ऑक्सीजन गैस आईपी इकाइयों को अधिग्रहित किया है। आदेश अनुसार सहायक औषधि नियंत्रक बीकानेर को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है। अधिग्रहण के दौरान फैक्ट्री भवन व परिसर उपलब्ध समस्त संसाधन गैस बॉटलिंग प्लांट भवन में उपलब्ध समस्त गैस सिलेंडर मेडिकल एवं व्यवसायिक जिसमें खाली और भरे तथा मानव संसाधन स्टोरेज टैंक व अन्य परिवार सहित अधिकृत किया गया है
जिला मजिस्ट्रेट मेहता द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि नोबेल कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने हेतु राजस्थान महामारी अध्यादेश 2020 की धारा चार तथा आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 30 व 34 तथा 65 व अन्य प्रावधान एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत औषधि मूल्य नियंत्रण आदेश की धारा तीन के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कोरोना पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए जीवन रक्षक औषधि ऑक्सीजन गैस आईपी तथा ऑक्सीजन गैस की सप्लाई एवं पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने हेतु दिलीप गैस एंटरप्राइजेज 223 करनी नगर औद्योगिक क्षेत्र रीको करणीनगर तथा बी एस ए प्रोडक्ट एल एल पी जयपुर रोड ग्राम सेरूणा तहसील श्री डूंगरगढ़ दोनों संस्थाओं का अधिग्रहण कर लिया गया है।
जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश में फर्म संस्थान के संचालक और प्रबंधक को आदेश दिए गए हैं कि अधिकृत भवन परिसर एवं संसाधनों का कब्जा गुरुवार को ही सहायक औषधि नियंत्रक बीकानेर अथवा उनके प्रतिनिधि को सुपुर्द कर दिया जाए। उक्त आदेशों की पालना का उत्तरदायित्व संबंधित प्राधिकृत अधिकारी का होगा। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अधिग्रहण के दौरान ऑक्सीजन रिफलिंग की कार्रवाई अनवरत सुचारू रखेंगे। अधीक्षक पीबीएम अस्पताल तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बीकानेर एवं सहायक औषधि नियंत्रक के संज्ञान में लाकर ही प्राथमिकता से बीकानेर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा हेतु ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति की जाएगी तथा अन्य उपयोग हेतु किसी भी प्रकार से भरे एवं खाली सिलेंडर की आपूर्ति की जा सकती है।
जिला कलक्टर मेहता द्वारा जारी आदेश में दोनों फर्म के प्रबंधकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी स्थिति में आदेश की पालना नहीं किए जाने की दशा में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 तथा 57 की भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।


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