Thar पोस्ट, न्यूज। भारत मे आधा दर्जन ऐसे राज्य हैं। जो लाखों करोड़ के कर्ज में डूबे हुए हैं और अपनी जनता को लोक लूभावन योजनाओं से लोगों का दिल जीतने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि पूरे देश की बात करें तो अंदर से आर्थिक रूप से गर्त में जा रहा है। देश मे प्रति व्यक्ति उत्पादन कम है। ऐसा एशिया के अधिकांश देशों में हो रहा है। इन देशों में लंबे समय से उधारी पर घी पीने की आदत से हालात बदतर हो रहे हैं। हाल ही में आर्थिक तंगी से जूझ रहे श्रीलंका के संकट (Sri Lanka Economic Crisis) के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के शीर्ष नौकरशाहों के बीच मीटिंग में एक चिंताजनक बात सामने आई है। चुनावी वादों और वोट बैंक (Vote Bank) की राजनीति के लिए फ्री सुविधाएं बांटने (Freebies) की राज्य सरकार की नीतियां, सीएम योगी के यूपी (UP), नीतीश कुमार के बिहार और ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल (West Bengal) समेत कई राज्यों को आर्थिक संकट (Economic Crisis ) की तरफ लेकर जा रही हैं। देश के 6 बड़े राज्यों पर 26.42 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। ऐसे में अगर समय रहते कदम नहीं उठाया गया तो आशंका जताई जा रही है कि भारत को भी श्रीलंका जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।