Thar पोस्ट, बीकानेर। जिला मजिस्ट्रेट भगवती प्रसाद ने आदेश जारी कर कहा है कि किसी भी यात्रा, रैली और जुलूस के लिए आयोजकों को संबंधित थानाधिकारी से अनुमति लेनी होगी। प्रशासन ने साफ किया है कि किसी भी यात्रा और जुलूस पर रोक नहीं लगाई गई है बल्कि अनुमति लेने की बाध्यता तय की गई है। प्रशासन के इस आदेश की हिंदूवादी नेताओं ने निंदा करते हुए इसे हिन्दू धर्म यात्रा को रोकने का प्रयास बताया है। उन्होंने हिन्दू धर्म यात्रा को बीकानेर की संस्कृति की पहचान बताया है।बीकानेर नगरीय सीमा क्षेत्र में बिना पूर्व अनुमति के रैली, जुलूस और प्रदर्शनी इत्यादि का आयोजन पूर्णतया प्रतिबंधित रहेगा। ऐसे आयोजनों की पूर्व अनुमति संबंधित थानाधिकारी से प्राप्त करनी अनिवार्य होगी। यदि कोई इन प्रतिबंधात्मक आदेशों का उल्लंघन करेगा तो उसे भारतीय दंड सहिता की धारा 188, 269, 270 और सुसंगत विधिक प्रावधानों के तहत अभियोजित किया जा सकेगा। जिला मजिस्ट्रेट ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।आदेश के मुताबिक अनुसार बीकानेर के नगरीय सीमा क्षेत्र के प्रमुख मार्गों, सड़कों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर बिना प्रशासनिक अनुमति के विभिन्न अवसरों पर रैली, जुलूस, प्रदर्शनी इत्यादि का आयोजन करने से यातायात व्यवस्था और कानून एवं व्यवस्था बिगड़ने की आशंका रहती है। इसके साथ ही जन सुरक्षा और लोक परिशांति भंग होने की भी पूरी संभावना रहती है। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जन सुरक्षा और लोक परिशांति बनाए रखने की दृष्टि से दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा जारी की गई है। यह आदेश आगामी आदेशों तक प्रभावी रहेगा।
अपराधियों को नहीं बख्शा जाएगा-सीएम
Thar पोस्ट। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि अपराध के खिलाफ राज्य सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की रही है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में आंतरिक सुरक्षा के समक्ष चुनौती उत्पन्न करने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और सीमावर्ती जिलों में विशेष सतर्कता एवं चौकसी बरती जाए। श्री गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर गृह विभाग के साथ बैठक मंंे आन्तरिक सुरक्षा से जुड़े विभिन्न विषयों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में कानून-व्यवस्था की स्थिति, मादक पदार्थों, जाली नोट, हथियारों आदि की तस्करी रोकने सहित अन्य गैर-कानूनी गतिविधियाें पर सख्ती से अंकुश लगाने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक स्थिति सामरिक दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है। हमारे बड़े भू-भाग से भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा गुजरती है। पिछले कुछ सालों में सीमावर्ती जिलों में क्रूड ऑयल निकलने, रिफाइनरी, सोलर पावर प्लांट तथा विंड एनर्जी इकाइयों की स्थापना के कारण औद्योगिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियां काफी बढ़ी हैं। बेहतर सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी के कारण यहां लोगों का आवागमन भी बढ़ा है। इसके चलते इस क्षेत्र में विशेष निगाह रखे जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आपराधिक घटनाओं का असर विकास गतिविधियाें पर पड़ता है। नागरिक प्रशासन और पुलिस के अधिकारी सेना एवं बीएसएफ के साथ सतत् सम्पर्क एवं समन्वय बनाए रखकर सूचनाओं का नियमित आदान-प्रदान करें।श्री गहलोत ने छोटी-छोटी घटनाओं को लेकर विरोध स्वरूप रास्ता रोकने तथा इस कारण कानून-व्यवस्था को प्रभावित करने की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और भविष्य में इन पर पूर्ण सतर्कता बरतने के निर्देश दिए। बैठक में शांति व्यवस्था को प्रभावित करने वाले ऎसे तत्वों की पहचान करने और उनके विरूद्ध उचित कानूनी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए।गृह राज्यमंत्री श्री राजेन्द्र सिंह यादव, मुख्य सचिव श्रीमती ऊषा शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री अभय कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री एम.एल. लाठर, डीजी इंटेलीजेंस श्री उमेश मिश्रा, एडीजी क्राइम श्री आरपी मेहरड़ा, एडीजी एसओजी श्री अशोक राठौड़, एडीजी कानून-व्यवस्था श्री हवासिंह घुमरिया, एडीजी सुरक्षा श्री एस सेंगथिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।