Thar पोस्ट, नई दिल्ली। यूक्रेन में चारों ओर अफरा-तफरी है, लोगों को कुछ समझ नही आ रहा। सायरन और बम धमाकों के बीच जीवन फसा हुआ है। लोग अपने परिवार व छोटे बच्चों के साथ केवल एक छोटा बैग लिए पोलैंड की ओर भाग रहे हैं। लोगों को यह भी नही मालूम कि वो अब किस देश के शरणार्थी होंगे। क्या शरण कुछ ही समय के लिए होगी या फिर रिफ्यूजी का ठप्पा पूरी जिंदगी उन पर चस्पा रहेगा। लोग किसी तरह पोलैंड की ओर रुख कर रहे हैं। राजधानी वारसा से 400 किलोमीटर दूर राहगीरों के लिए बने पोलिश बॉर्डर क्रॉसिंग पर पहुंचे आलेक्जांडर बाजहानोव कहते हैं, “मेरे भीतर सिर्फ डर है, इसके अलावा और कोई भावना नहीं है.” आगे का सफर भी उन्हें अंतहीन सा लग रहा है, “मैं स्पेन में अपने पिता से मिलूंगा लेकिन मेरे पास अभी कोई पैसा नहीं बचा है. मुझे नहीं पता कि मैं ये सब कैसे कर पाऊंगा। यूक्रेन के पड़ोसी देश रोमानिया और स्लोवाकिया के स्थानीय मीडिया के मुताबिक यूक्रेन से पैदल आ रहे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. शरण के लिए भाग रहे लोगों में कई ऐसे हैं जो पहले पूर्वी यूक्रेन से भागकर रूस से दूर बसे देश के अन्य इलाकों में पहुंचे, लेकिन अब उन्हें वहां से भी भागना पड़ रहा है. 44 साल की मारिया पालीस अपने भाई और परिवार के साथ यूरोपीय संघ के देशों की तरफ भाग रही हैं, “हर किसी को लगा कि यूरोपीय संघ और नाटो देशों के नजदीक होने के कारण पश्चिमी यूक्रेन सुरक्षित है, लेकिन ऐसा लगता है कि पर्याप्त सुरक्षा वहां भी नहीं है। पूर्वी यूक्रेन में रूसी सेना के आगे बढ़ने की खबरें आने के बाद ओल्गा अपने पार्टनर के साथ बॉर्डर की तरफ भागने लगीं. उन्हें घर और पालतू कुत्ता पीछे छोड़ना पड़ा. ओल्गा को भी नहीं पता कि वे कहां जा रही हैं. वह बस यही कहती हैं कि, “कोई भी सुरक्षित जगह चलेगी.”पूर्वी यूक्रेन से 750 किलोमीटर दूर राजधानी कीव में भी इमरजेंसी सायरनों की आवाज गूंज रही है. कीव में बैंकों, एटीएम मशीनों और सुपर मार्केटों के बाहर लोगों की लाइनें लगी हैं. लोग पैसा और राशन पानी जमाकर एक अनिश्चित भविष्य के लिए खुद को तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं. 4.41 करोड़ की आबादी वाला यूक्रेन क्षेत्रफल के लिहाज से यूरोप का सबसे बड़ा देश है.यूक्रेन के पश्चिम में बसे छोटे से देश स्लोवाकिया ने यूक्रेन से आ रहे शरणार्थियों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं. स्लोवाकिया की मीडिया के मुताबिक सरकार ने 1,500 सैनिक यूक्रेन की सीमा पर भेजे हैं. ये सैनिक शरणार्थी संकट से निपटने में यूक्रेन की मदद करेंगे. पुर्तगाल के प्रधानमंत्री अंतोनियो कोस्टा ने भी यूक्रेन से भाग रहे लोगों की मदद करने का एलान किया है।