Thar पोस्ट, बीकानेर। राजस्थान में धोरों की धरती बीकानेर में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव अब विश्वव्यापी कोरोना वायरस के आगे बेबस नज़र आ रहा है। कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से ऊंट उत्सव का आयोजन नही हुआ था। लेकिन इस बार उत्सव को लेकर पर्यटन विभाग ने व्यापक तैयारियां की थी। उत्सव से पहली बार रायसर गांव और दरबारी झील को जोड़ा गया था। रायसर में शानदार धोरे हैं। लेकिन राज्य सरकार ने ओमिक्रोन वायरस के चलते हाल ही में नई गाइडलाइन जारी की है। इसमें प्रदर्शन/मेलों/ आदि आयोजनों में केवल 100 लोगों को ही अनुमत किया गया है। इसके साथ ही बीकानेर के जिला कलेक्टर ने प्रमुख शासन सचिव को पत्र लिखकर मेला निरस्त करने के लिए कहा है। हालांकि पर्यटन विभाग ने नई गाइड लाइन जारी होने के बाद से ही ऊंट उत्सव से जुड़े बैनर, पोस्टरों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी। जूनागढ़ किले के सामने से ऊंट उत्सव के प्रचार के लिए लगाए बैनर भी हटा लिए गए हैं। विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि इस बार भी उत्सव नहीं होगा। विभाग के उपनिदेशक का कहना है कि उत्सव की तैयारियां की गई थी, टेंडर में भी यह शर्त रखी गई थी कि यदि कोरोना फैलता है तो उत्सव नहीं होगा। अब मेलों में केवल 100 जनों को ही अनुमति दी गई है। जो भी निर्देश मिलेंगे, उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे।