Thar पोस्ट, बीकानेर, 10 दिसंबर। शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि आज का युग विज्ञान-तकनीक का युग है। नए-नए प्रयोगों के कारण आज समूचा विश्व ‘ग्लोबल विलेज’ के रूप में सिमट गया है।
डॉ. कल्ला शुक्रवार को पवनपुरी स्थित विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक आविष्कारों से वैचारिक आदान-प्रदान तथा समन्वय सस्ता, सुलभ और आसान हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारा देश इस क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति के देशों में शामिल है। हमारे पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने देश के अलग-अलग क्षेत्रों में विज्ञान और अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित राष्ट्रीय संस्थान स्थापित किए। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने संचार क्रांति के जनक के रूप में देश को नई पहचान दिलाई। आज हम मंगल ग्रह पर जाने के प्रयास कर रहे हैं। अनेक नई खोज और अन्वेषण हमारे वैज्ञानिकों द्वारा किए जा रहे हैं।
डॉ. कल्ला ने कहा कि बीकानेर के विद्यार्थी भी विज्ञान को करियर के रूप में अपनाएं तथा देश और दुनिया को नए वैज्ञानिक आविष्कार और सिद्धांत दें। साथ ही उन्होंने विज्ञान का उपयोग मानवहित में करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बीकानेर में साइंस पार्क विकसित किया जाना प्रस्तावित है। इस संबंध में अग्रिम कार्यवाही शीघ्र ही की जाएगी।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विज्ञान के क्षेत्रीय अनुसंधान अधिकारी सुनील कुमार बोड़ा ने कहा कि विज्ञान और तकनीक का हमारे दैनिक जीवन पर गहरा प्रभाव है। प्रतिभावान विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने के अवसर दिए जाएंगे। उन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा सात जिलों में करवाई जा रही गतिविधियों की जानकारी दी।
इससे पहले शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने विभाग के पुस्तकालय तथा प्रयोगशाला का अवलोकन किया। साथ ही विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए मॉडल देखें एवं इनकी कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी ली। विभाग के जिला समन्वयक करणीदान कच्छावा ने स्वागत उद्बोधन दिया। कार्यक्रम का संचालन गिरिराज खैरीवाल ने किया। इस दौरान प्रीति सोलंकी ने डॉ. बी.डी. कल्ला को अपने हाथों से बनाया हुआ पोट्रेट भेंट किया। इस दौरान मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ राजकुमार शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक शिक्षा) सुरेंद्र सिंह भाटी, पूर्व संयुक्त निदेशक डॉ विजय शंकर आचार्य, नंद किशोर पुरोहित, गिरजा शंकर आचार्य, अनिल रंगा, खुशवंत सिंह भाटी, अजरा खान, विपिन स्वामी, जितेंद्र सिंह, लतीफ पठान, रोहिताश कंटिया, मोहम्मद मूसा, विष्णु पुरोहित, प्रमोद शर्मा, बृजेश शर्मा, रजनीश भारद्वाज, प्रदीप जैन, रवि आचार्य, डॉ. नीलम नौलखा, बंशीलाल भाटी, राजकुमार भट्ट, गिरधारी दरगन सहित विद्यार्थी एवं आमजन मौजूद रहे।
पुस्तक का विमोचन
बीकानेर, 10 दिसंबर। शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने शुक्रवार को पवनपुरी स्थित आवास पर युवा लेखक गिरिराज पारीक द्वारा लिखित हिंदी काव्य संग्रह ‘मैं चलता रहा’ पुस्तक का विमोचन किया।
इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला ने कहा कि युवाओं द्वारा साहित्य के क्षेत्र में रुझान दिखाना बीकानेर के लिए एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने पारीक द्वारा लिखित हिंदी काव्य संग्रह की सराहना करते हुए कहा कि यह कृति युवाओं के लिए नजीर बनेगी। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक युवा साहित्य के क्षेत्र में आगे आएं और विभिन्न सामाजिक बुराइयों के खिलाफ अपनी कलम चलाएं।शिक्षा मंत्री ने कहा कि बीकानेर के अनेकों साहित्यकार ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है, युवाओं को इसे आगे ले जाने का यह सुअवसर है।
पुस्तक के लेखक गिरिराज पारीक ने बताया कि इस काव्य संग्रह में आज के युवाओं की ज़िदंगी में चल रही उहापोह का चित्रण किया गया है। इस दौरान राजेंद्र पारीक, सुरेश पारीक, अमन छोटू, मूलचंद, दीपक जोशी, हर्षवर्धन जोशी आदि मौजूद रहे।
मानव अधिकार दिवस पर एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित
एजुकेशनल एंड सोशयल अवेयरनेस फेडरेशन द्वारा बोहल शोध मंजूषा तथा बीकानेर लॉ टाइम्स के संयुक्त तत्वावधान में मानव अधिकार दिवस के उपलक्ष्य में ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला शुक्रवार को टाउन हॉल में आयोजित की गई। उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री डॉ.बी.डी.कल्ला द्वारा फेडरेशन के लोगो का विमोचन किया गया। उन्होंने कहा कि आज के दौर में मानवधिकारों के प्रति जागरूकता और इनका सरंक्षण अत्यंत का प्रासंगिक है। संविधान ने हमें समानता का अधिकार दिया है। वहीं शिक्षा व सूचना का अधिकार हमें और अधिक सशक्त बनाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को इनकी जानकारी हो तथा मानव अधिकारों का हनन नहीं हो, यह हमारा सामुदायिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि एजुकेशनल एंड सोशल फेडरेशन द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम इस श्रंखला की एक अहम कड़ी साबित होगा। इस दौरान राजकीय विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. भगवानाराम बिश्नोई, बाल कल्याण समिति के पूर्व अध्यक्ष प्रभा भार्गव बतौर अतिथि मौजूद रहे। फेडरेशन के डॉ.अशोक व्यास ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा कार्यशाला के विभिन्न सत्रों की जानकारी दी। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सीमा जैन ने आभार जताया।
विभिन्न सत्र हुए आयोजित
एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान विभिन्न विषयों पर विचार विमर्श किया गया। पहले सत्र में महारानी सुदर्शना कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.शिशिर शर्मा एवं सहायक व्याख्याता मनोज आचार्य, दूसरे सत्र में स्कूल ऑफ लॉ की संतोष शेखावत एवं मीनाक्षी कुमावत, तीसरे सत्र में स्कूल ऑफ लॉ की मल्लिका प्रवीण एवं कुमुद जैन ने विभिन्न विषयों पर विचार व्यक्त किए। कार्यशाला में गेस्ट ऑफ ऑनर डॉ.शिवशंकर व्यास एवं विशिष्ट अतिथि कुलदीप सिंह भी उपस्थित रहे।
हवाई सेवा विस्तार हेतु डॉ. कल्ला को सौंपा
बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया एवं व्यवसायी विष्णु पुरी ने बीकानेर में हवाई सेवा विस्तार हेतु कोटा की तर्ज पर निशुल्क भूमि उपलब्ध करवाने हेतु राज्य सरकार से अनुशंसा करने हेतु शिक्षा मंत्री डॉ. बुलाकीदास कल्ला को ज्ञापन सौंपा | ज्ञापन में बताया गया कि बीकानेर जिला अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित होने के कारण राजस्थान में सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण जिला है | बीकानेर के पापड़, भुजिया, रसगुल्ला एवं कृषि आधारित, लकड़ी शिल्प एवं फर्नीचर तथा ऊनी कारपेट अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात है | इसके अतिरिक्त सिरेमिक उत्पादों का भी निर्यात यहाँ से होता है | राजस्थान का बीकानेर जिला एशिया की सबसे बड़ी ऊन मंडी के नाम से भी विख्यात है | वर्तमान व्यवस्थाओं को देखते हुए बीकानेर से कोलकात्ता, गुवाहटी, बेंगलूरू व मुंबई जैसे महानगरों के लिए हवाई सेवाओं की नितांत आवश्यकता महसूस की जा रही है क्योंकि बीकानेर संभाग के औद्योगिक व व्यापारिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को अपने व्यापार के सिलसिले में मुंबई, कोलकात्ता, गुवाहटी व बेंगलुरु आना- जाना रहता है | राजस्थान सरकार द्वारा जारी मिशन निर्यातक बनो के तहत भी अधिक से अधिक उत्पाद निर्यात करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है | औद्योगिक विकास एवं वर्तमान आवश्यकताओं को देखते हुए सिविल एयरपोर्ट का विकास एवं विस्तार होना वर्तमान समय की आवश्यकता भी है | पूरे बीकानेर संभाग के औद्योगिक व व्यापारिक विकास को देखते हुए कोटा की तर्ज पर बीकानेर को भी वर्तमान एयरपोर्ट से सटती 58.18 हेक्टेयर भूमि निशुल्क उपलब्ध करवाई जाए ताकि बीकानेर की भी महानगरों से कनेक्टिविटी सुलभ हो सके |