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IMG 20210913 125528 16 कोरोना की तीसरी लहर से बच्चे होंगे प्रभावित? Bikaner Local News Portal देश
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Thar पोस्ट, बीकानेर। कोरोना की तीसरी लहर का असर बच्चों पर अधिक होगा। ओमिक्रॉन वैरिएंट अब दुनिया के कई देशों में अपने पैर पसार चुका है। तेज़ी से फैला है। आशंका ये भी जताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर का बच्‍चे शिकार बनेंगे। दुनिया भर के डॉक्‍टरों और हेल्‍थ एक्‍सपर्ट्स ने एक क्‍लीनिकल रिपोर्ट विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (World Health Organisation) को सौंपी है. जिसमें बताया गया है कि दक्षिण अफ्रीका में 2 साल से ऊपर की उम्र वाले बच्‍चों के भर्ती होने की संख्‍या बढ़ी है. ऐसे में ये आशंका है कि ओमिक्रॉन बच्‍चों के लिए खतरनाक हो सकता है. ये भारत के लिए भी खतरे की घंटी है. क्‍योंकि भारत में अभी केवल 18 से ऊपर की उम्र वाले लोगों का ही वैक्‍सीनेशन हो रहा है। वहीं WHO की इसी ग्रुप ऑफ एक्‍सपर्ट ने कहा था कि जो लोग वयस्‍क हैं, उनमें फिलहाल ओमिक्रॉन के मामूली लक्षण देखे गए हैं. ज्‍यादातर संक्रमित लोग asymptomatic हैं। वहीं ठीक एक दिन पहले WHO के यूरोप ऑफिस ने भी बताया था कि 5 से 14 साल के बच्चों में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. WHO यूरोप के रीजनल डायरेक्टर डॉ. हैंस क्लूज ने कहा कहा यूरोप के कई देशों में बच्चों में इंफेक्‍शन के मामले दो से तीन गुना बढ़ गए हैं। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि बुजुर्गों, हेल्थकेयर वर्कर्स और कमजोर इम्युन सिस्टम वाले लोगों की तुलना में बच्चों को कम गंभीर संक्रमण का सामना करना पड़ रहा है. अब तक दुनिया भर के 21 देशों में ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं।दक्षिण अफ्रीका में जिस तरह बच्‍चे भर्ती हुए हैं, उससे एक बात तो स्‍पष्‍ट है कि कोरोना की बच्चों में गंभीरता देखी जा रही है. वहीं दक्षिण अफ्रीका के मामले में ग्रुप ऑफ एक्‍सपर्ट ने कहा कि यहां गुआंगटेंग प्रोविंस में मामले बढ़े हैं, हालांकि नॉर्दन केप अपवाद रहा।

IMA ने भी किया आगाह
भारत के लिहाज से IMA की जो रिपोर्ट आई है, उसमें कहा गया है कि भारत पहले की स्थिति में वापस आ रहा है. अगर इसे रोकने के मुकम्‍मल इंतजाम नहीं किए गये, तो ये एक तीसरी बड़ी लहर साबित हो सकती है. दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट पूरी तरह फैल गया है, यहां के अस्पतालों में बच्चों की संख्या ज्यादा बढ़ी है. इसे देखते हुए आईएमए ने सभी स्कूल और कॉलेज में कोविड प्रोटोकॉल का ठीक से पालना होना चाहिए. वहीं जो युवा टीका लगवाने के लिए योग्‍य हैं. उन्‍हें जरूर टीका लगवाना चाहिए.

स्‍कूली बच्‍चों में सामने आ रहे कोरोना केस
देश के कई इलाकों में हाल के दिनों में बच्चों में कोरोना के केस बढ़ते हुए भी दिख रहे हैं. 7 दिसंबर को ओडिशा के जयपुर में आवासीय सरकारी छात्रावास में 9 छात्राएं कोविड पॉजिटिव मिली हैं. इस आवासीय स्‍कूल में 182 छात्राएं रहती हैं. वहीं कर्नाटक में भी कई छात्रों में कोरोना होने की पुष्टि हुई है. कर्नाटक में अब तक स्‍कूलों में 107 बच्चे और स्टाफ पॉजिटिव हो चुके हैं।


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