Thar पोस्ट। कोरोना के नए वैरिएंट से दुनिया घबराई हुई है। यह तेज़ी से कई देशों में फैल रहा है। इसे तीसरी लहर का कारण भी बताया जा रहा है। ब्रिटेन के शीर्ष वैज्ञानिकों ने हाल ही में कहा कि कोरोना वायरस का नया स्वरूप कोई आपदा नहीं है और टीके अब भी इससे होने वाली बीमारी से बचाव कर सकते हैं। ब्रिटेन सरकार के स्वास्थ्य संबंधी आपातकालीन स्थिति से जुड़े वैज्ञानिक सलाहकार समूह (SAGE) के एक सूक्ष्म जीवविज्ञानी प्रोफेसर कैलम सेम्पल ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में सामने आया और दुनियाभर में सुर्खियों में छाया नया स्वरूप ‘बी.1.1.1.529’ (ओमीक्रोन) कोई बड़ी आपदा नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘यह कोई आपदा नहीं है, मुझे लगता है कि स्थिति को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है।’’ टीकाकरण पर सरकार के सबसे वरिष्ठ सलाहकारों में शामिल सर जॉन बेल ने कहा कि कोविड रोधी टीका लगवा चुके लोगों पर वायरस के नए स्वरूप का असर ‘‘नाक बहने और सिरदर्द” से अधिक नहीं हो सकता। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर सर जॉन ने कहा कि नया स्वरूप भले ही एंटीबॉडी से बच सकता है, लेकिन इसके टी-कोशिकाओं और प्रतिरक्षा प्रणाली के अन्य हिस्सों से बचने की संभावना कम होगी जो व्यापक सुरक्षा प्रदान करते हैं। बता दें कि कोरोना के नए स्वरूप से अभी तक कोई व्यापक जन हानि नही हुई है, लेकिन कोरोना की पहली लहर से लेकर अभी तक यह देखा गया है कि कोरोना पहले जाल बिछाता है, यानि घर-घर फैलता है फिर यह लोगों को अपना शिकार बनाता है। कोरोना को लेकर सभी वैज्ञानिकों के दावे फैल ही साबित हुए है। यह कितना खतरनाक है इस बारे में वो लोग ही जानते है जो कोरोना से उबर कर नया जीवन जी रहे है या जिन्होंने इसे भोगा है। इन दिनों कोरोना फिर से एक्टिव मोड़ पर आ रहा है ।
बीकानेर में आज सुबह cmho द्वारा जारी रिपोर्ट में 0 पॉजिटिव है।