Thar पोस्ट, नई दिल्ली। अब अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने उड़न-तश्तरियों के बारे में गहन पड़ताल करने के लिए एक ग्रुप बनाने का फैसला किया है. यूएफओ के नाम से जानी जाने वालीं ये उड़न-तश्तरियां दशकों से विवाद का विषय रही हैं। अमेरिका उड़न-तश्तरियों की गंभीर जांच करेगा. इसके लिए एक दल गठित किया जाएगा. रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार रात को यह ऐलान किया. यह ऐलान उस रिपोर्ट के बाद आया है जिसमें उड़न-तश्तरियों देखे जाने की घटनाओं का जिक्र था। जून में आई इस रिपोर्ट में बताया गया था कि यूएफओ देखे जाने की 144 घटनाएं हुई हैं. इन्हें अनआइडेंटीफाइड फ्लाइंग ऑब्जेक्ट यानी उड़ने वालीं ऐसी चीजें कहा जाता है, जिनकी पहचान सुनिश्चित नहीं है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इन उड़न-तश्तरियों के बारे में किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए समुचित जानकारी उपलब्ध नहीं है।नए ग्रुप को एयरबॉर्न ऑब्जेक्ट आइडेंटीफिकेशन ऐंड मैनेजमेंट सिंक्रोनाइजेशन ग्रुप कहा जाएगा. यह गोपनीय जानकारियों जिम्मेदार उप रक्षा मंत्री, डाइरेक्टर ऑफ द जॉइंट स्टाफ और डाइरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस के तहत काम करेगा। आपको बता दें कि अमेरिका का एरिया 51 दशकों से प्रतिबंधित इलाका रहा है। अमेरिका ने इस बारे में अभी तक कोई अधिकृत जानकारी नही दी है। अनेक विशेषज्ञ यह दावा भी करते है कि यहाँ से अमेरिका ने एलियंस तकनीक चुराकर ऐसे विमान तैयार किए हैं। जो राडार में भी नही आते। यहाँ अमेरिका का एलियन्स तकनीक पर दशकों से शोध चल रहा है और अमेरिका ने बहुत कुछ हासिल भी किया है।