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IMG 20211011 WA0071 रंगा की रचनाएं मानवता की रक्षा और इंसानियत का पोषण करती है : डॉ. गुप्त Bikaner Local News Portal बीकानेर अपडेट
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Thar पोस्ट, राजस्थान। बीकानेर साहित्य संस्कृति कला संगम संस्था की ओर से नगर के होनहार युवा कवि पुनीत कुमार रंगा को स्थानीय महारानी सुदर्शन आर्ट गैलरी, नागरी भण्डार में सम्मान समारोह के अतिथियों एवं नगर के गुणीजन साहित्यकारों की मौजूदगी में ‘बीकाणा सृजन सम्मान (युवा) अर्पित किया गया।
सम्मान समारोह की अध्यक्षता करते हुए नगर के वरिष्ठ आलोचक डॉ उमाकांत गुप्त ने अपनी चिर परिचित काव्यात्मक शैली में पुनीत कुमार रंगा की काव्य सृजन यात्रा पर अपने विचार पेश करते हुए कहा कि पुनीत कुमार रंगा की कविताएं एवं अन्य रचनाएं मानवता की रक्षा और इंसानियत का पोषण करती हैं | आज आत्मीयता की जो शब्दावली जीवन से नदारद हो गई है पुनीत उसे पुनर्स्थापना का प्रयास कर रहे हैं। आपने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि पुनीत की रचनाओं ने मुझे समृद्ध बनाने की ओर आगे बढ़ाया।वे आने वाले वर्तमान को रोशन करने वाला सितारा होंगे
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उर्दू के वरिष्ठ शाइर मौलाना अब्दुल वाहिद अशरफ़ी ने कहा कि इनकी तसनीफ़ात में गहराई, जुस्तजू एवं एक तलाश नज़र आती है | आप अपनी रचनाओं में इंसानियत की खोज करते हुए दिखाई देते हैं आपकी रगों में अदबी ख़ून दौड़ रहा है। आप अदब की विरासत को बख़ूबी आगे बढ़ा रहे हैं। आपने कहा कि पुनीत अपनी रचनाओं से उम्मीद जगाते हैं ।ये नई रचनाएं, ये नई कोशिशें एक दिन ज़रूर रंग लाएंगी। आपने पुनीत कुमार रंगा को अपना आशीर्वचन देते हुए कहा कि वे एक ऐसा गुलदस्ता बने जिस की महक चारों ओर फैले तथा उनके कलाम के प्रकाश से इस दुनिया में रोशनी फैले |
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि हिंदी एवं राजस्थानी कवि गीतकार निर्मल कुमार शर्मा ने कहा कि बीकानेर साहित्य संस्कृति-कला संगम संस्था युवाओं का सम्मान करके अनुकरणीय कार्य कर रही है | आपने पुनीत कुमार रंगा का उदाहरण देते हुए कहा कि आज के युवा नैतिक मूल्यों को जागृत कर रहे हैं यह हर्ष की बात है। आपने कहा कि इनकी रचनाओं में बहुत गहराई है। आपने पुनीत की रचनाओं की गहरी विवेचना प्रस्तुत की | साथ ही अापने मायड़ भाषा राजस्थानी के लिए कहा कि हम मायड़ भाषा का त्याग करके कभी भी विकास नहीं कर सकेंगे इसलिए मायड भाषा को अपनाना बहुत बहुत ज़रूरी है और रंगा परिवार की तीनों पीढ़ियां ये काम बख़ूबी कर रही हैं |
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के तौर पर संस्था के संस्थापक अध्यक्ष शाइर क़ासिम बीकानेरी ने पुनीत कुमार रंगा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपनी बात रखते हुए उन्हें संभावनाओं से लबरेज़ कवि बताया जो अपने ख़ानदान की साहित्यिक परंपरा को ख़ूबी के साथ आगे से आगे बढ़ा रहे हैं | आपने पुनीत रंगा की इस बात के लिए ता’रीफ़ की कि वे ख़ामोशी के साथ अपना सृजन करने में विश्वास रखते हैं | आपने उन्हें अपनी दुआ़ओं से नवाज़ते हुए उनके उज्जवल साहित्यिक भविष्य की शुभकामनाएं दीं | कार्यक्रम के अतिथियों द्वारा बीकाणा सृजन सम्मान (युवा) के तहत पुनीत कुमार रंगा को माल्यार्पण, शॉल, श्रीफल, सम्मान पत्र एवं साहित्यिक पुस्तकें भेंट करके सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में युवा कवि पुनीत कुमार रंगा ने अपनी चुनिंदा राजस्थानी रचनाओं का वाचन करके श्रोताओं को आनंद विभोर कर दिया | आपकी कविताओं में भाव, बिंब और प्रतीकों के प्रयोग की उपस्थितजनों ने भरपूर सराहना की | इस अवसर पर समाजसेवी नेमचन्द गहलोत द्वारा भी पुनीत कुमार रंगा को शॉल, मोतियों की माला और साहित्य भेंट करके सम्मानित किया गया
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नगर के गुणीजन साहित्यकार एवं पुनीत कुमार रंगा के परिजन शामिल हुए | उपस्थितजनों में वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा, वरिष्ठ व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा, अनवर उस्ता, रवि पुरोहित, डॉ. नितिन गोयल, सुनील बोड़ा, डॉ.गौरी शंकर प्रजापत, इंजीनियर सय्यद कासम अली, जुगल किशोर पुरोहित, सागर सिद्दीक़ी, आत्माराम भाटी, ज़ाकिर अदीब, राजेश रंगा, नेमचंद गहलोत, व्यास योगेश राजस्थानी, सतीश पारासर, मुख़्तियार अहमद बाबा ख़ान, गंगा बिशन, पंकज अग्रवाल, मोहम्मद शाहिद, डॉ. तुलसीराम मोदी, घनश्याम साध, हरि नारायण आचार्य, श्रीकांत व्यास, पुरुषोतम जोशी, शिव प्रकाश व्यास, असद अली असद, पुरुषोत्तम जोशी, उमा शंकर मुथ्था, अंकित रंगा, सुमित रंगा, आशीष रंगा, अमित आचार्य, बुनियाद हुसैन ज़हीन तथा गोपाल महाराज मौजूद थे | कार्यक्रम के प्रारंभ में स्वागत भाषण डॉ.अजय जोशी ने दिया जबकि आभार डॉ. फ़ारुक़ चौहान ने ज्ञापित किया संचालन डॉ. नासिर जैदी ने किया।


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