Thar पोस्ट। विकसित देश न्यूजीलैंड का नाम भी बदल जाएगा ? इसका नाम बदलने को लेकर लेकर न्यूजीलैंड में बवाल जारी है। न्यूजीलैंड की माओरी पार्टी ने 14 सितंबर को देश के नाम को आधिकारिक तौर पर ‘आओटेरोआ’ में बदलने के लिए एक याचिका शुरू की है। आओटेरोआ का अर्थ स्वदेशी ते रे माओरी भाषा में ‘लंबे सफेद बादल की भूमि’ है। इसके साथ ही माओरी पार्टी ने पीएम जैसिंडा अर्डर्न से न्यूजीलैंड के सभी कस्बों, शहरों और स्थानों के नामों को माओरी में बदलने की अपील की है।
माओरी पार्टी का कहना है कि ते रे माओरी इस देश की पहली और आधिकारिक भाषा रही है। स्वदेशी लोग इतिहास को मिटाने और नजरअंदाज किए जाने से नाराज हैं। हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। ऐसे में इसे बदले जाने की सख्त जरूरत है। पार्टी ने कहा है कि माओरी भाषा का इस्तेमाल 1910 से 1950 के दौरान 90 फीसद से गिरकर 26 फीसद हो गया। सिर्फ 40 सालों में क्राउन ने हमारी भाषा को छीन लिया है और हम इसके प्रभाव को आजतक महसूस कर रहे हैं। मौजूदा वक्त में सिर्फ 3 फीसद लोग माओरी भाषा बोलते हैं।न्यूजीलैंड के आदिवासी लोगों का मानना है कि आओटेरोआ नाम सबसे पहले पोलिश एक्सप्लोरर कूपे ने दिया था। कुछ किवदंतियों में माना जाता है कि कूपे की बेटी ने सबसे पहले न्यूजीलैंड की जमीन को खोजा था जबकि कुछ लोगों का मानना है कि उसके डोंगी के नाम पर इसे नाम दिया गया था।
न्यूजीलैंड नाम की कहानी 1640 के दशक की है जब एक डच एक्सप्लोरर हबील तस्मान से द्वीप को देखा था। इसके बाद इसका नाम डच प्रदेश के जीलैंड के नाम पर रखा हुआ। इसके एक सदी के बाद अंग्रेज नाविक कैप्टन जेम्स कुक पहुंचे और उन्होंने क्षेत्र का विस्तृत और सटीक नक्शा तैयार किया जिसका उल्लेख न्यूजीलैंड के तौर पर किया गया है।